सोमवार, 30 जून 2008

सर्दी आई

हवा ठंडी
रात ठंडी
स्वप्न मीठे
नींद मीठी
भाए माँ की ,
गोद मीठी
वसुधा की मृदु शय्या पर,
निशि ने वोड़ ली
काली रजाई
सर्दी आई

कोई टिप्पणी नहीं: